🕉️ प्रथम ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ 🕉️

🔱 सनातन संकल्प 🔱
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🕉️ सोमनाथ ज्योतिर्लिंग 🕉️

प्रथम ज्योतिर्लिंग | सनातन आस्था का अमर प्रतीक

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम है। गुजरात के प्रभास पाटन में स्थित यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान और विजय का महागाथा भी है।

📍 स्थान

प्रभास पाटन, वेरावल, गुजरात

🏛️ वास्तुकला

चालुक्य शैली (कैलाश महामेरु प्रासाद)

📜 पौराणिक कथा एवं इतिहास

शिव पुराण के अनुसार, दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्रदेव (सोम) ने इसी स्थान पर घोर तपस्या की थी। प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें श्राप मुक्त किया और यहाँ ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हुए। इतिहास में सोमनाथ मंदिर को कई बार तोड़ा गया, लेकिन हर बार यह और भी भव्यता के साथ उभरकर सामने आया।

🔱 धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व

सोमनाथ को 'प्रभात क्षेत्र' भी कहा जाता है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धापूर्वक दर्शन करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। समुद्र की लहरों की गर्जना और मंदिर की शांति एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।

🚩 सोमनाथ के पास अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थल

सोमनाथ मंदिर के दर्शन के साथ आप इन पवित्र स्थलों की यात्रा भी कर सकते हैं:

  • त्रिवेणी संगम: यहाँ हिरण, कपिला और सरस्वती नदियों का अद्भुत संगम होता है।
  • भालका तीर्थ: वह स्थान जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने अपनी देह त्यागकर वैकुंठ प्रस्थान किया था।
  • पंच पांडव गुफा: यह प्राचीन गुफा पांडवों को समर्पित है और हिंगलाज माता के मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है।
  • प्रभास पाटन संग्रहालय: यहाँ मंदिर के प्राचीन अवशेष और ऐतिहासिक वस्तुएं संरक्षित हैं।
  • सोमनाथ बीच: मंदिर के बिल्कुल नजदीक स्थित यह बीच शांति और सूर्यास्त के लिए मशहूर है।

⏰ दर्शन एवं आरती समय

विवरण समय
मंदिर दर्शन प्रातः 6:00 से रात्रि 9:00 बजे तक
आरती समय 7:00 AM, 12:00 PM, 7:00 PM
लाईट एंड साउंड शो रात्रि 8:00 बजे (जय सोमनाथ)

🚗 सोमनाथ कैसे पहुँचे?

  • रेल मार्ग: सोमनाथ रेलवे स्टेशन (वेरावल) देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा दीव (90 किमी) या राजकोट (200 किमी) है।
  • सड़क मार्ग: अहमदाबाद और द्वारका से लग्जरी बसें उपलब्ध हैं।

क्या आप सोमनाथ की यात्रा की योजना बना रहे हैं?

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"सौराष्ट्रे देशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् ।
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥"

॥ ॐ नमः शिवाय ॥

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