| जन्म तिथि | 31 मई, 1725 |
| जन्म स्थान | चौंडी ग्राम, अहमदनगर (महाराष्ट्र) |
| पति | खांडेराव होल्कर |
| ससुर | सूबेदार मल्हारराव होल्कर |
| राजधानी | महेश्वर (नर्मदा तट) |
| पुण्यतिथि | 13 अगस्त, 1795 |
भारतीय इतिहास में देवी अहिल्याबाई होल्कर का नाम एक ऐसी महान शासिका के रूप में अंकित है, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन धर्म की पुनर्स्थापना और जनकल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने न केवल कुशल शासन किया, बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष में खंडित हुए मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाकर सनातन संस्कृति को पुनः गौरवान्वित किया।
🔱 प्रमुख मंदिरों का पुनरुद्धार
देवी अहिल्याबाई ने काशी से लेकर कन्याकुमारी तक सैकड़ों मंदिरों, घाटों और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया। उनके प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
- 🕉️ काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी): वर्तमान मंदिर का स्वरूप देवी अहिल्याबाई की ही देन है, जिसका निर्माण उन्होंने 1780 में करवाया था।
- 🕉️ सोमनाथ मंदिर (गुजरात): प्राचीन ज्योतिर्लिंग की मर्यादा को पुनः स्थापित करने हेतु उन्होंने यहाँ भव्य मंदिर का निर्माण करवाया।
- 🕉️ विष्णुपद मंदिर (गया): फल्गु नदी के तट पर स्थित इस पावन मंदिर का भव्य स्वरूप उनके भक्ति भाव का प्रतीक है।
🛡️ धर्मपरायण शासन
वे राजकाज के हर निर्णय पर भगवान श्री शंकर की सहमति मानती थीं और सरकारी पत्रों पर स्वयं के हस्ताक्षर के स्थान पर "श्री शंकर" लिखती थीं। उन्होंने निर्धनों के लिए अन्न क्षेत्र, यात्रियों के लिए धर्मशालाएं और पशु-पक्षियों के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की थीं।
क्या आप कभी देवी अहिल्याबाई द्वारा निर्मित काशी विश्वनाथ या सोमनाथ मंदिर के दर्शन करने गए हैं? अपना अनुभव नीचे कमेंट में साझा करें।
🙏 विशेष अभिषेक एवं पूजन
क्या आप भी इन पावन ज्योतिर्लिंगों के निमित्त अपने घर पर रुद्राभिषेक या विशेष पूजन करवाना चाहते हैं?


ॐ नमः शिवाय