🔱 51 शक्तिपीठों की सूची और उनके स्थान: जानें शक्तिपीठों की उत्पत्ति की कथा और महत्व Where are 51 Shakti Peethas located?🔱

Bimal Mishra
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51 Shaktipeeth list with locations in India and abroad Sanatan Sankalp


🕉️ शक्तिपीठों की उत्पत्ति की पौराणिक कथा

List of 52 Shakti Peetha of Goddess Durga

हिंदू धर्म के अनुसार, शक्तिपीठों का निर्माण माता सती के आत्मदाह और भगवान शिव के वैराग्य से जुड़ा है। कथा के अनुसार, राजा दक्ष ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया था, लेकिन उन्होंने अपनी पुत्री सती और दामाद भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया। अपमानित महसूस करने के बावजूद माता सती वहां पहुंचीं, जहां राजा दक्ष ने शिव जी का घोर अपमान किया।

अपने पति का अपमान सहन न कर पाने के कारण माता सती ने यज्ञ की अग्नि में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। जब शिव जी को यह पता चला, तो वे अत्यंत क्रोधित हो उठे और सती के पार्थिव शरीर को कंधे पर उठाकर तांडव करने लगे। संसार को प्रलय से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के 51 हिस्से कर दिए। ये हिस्से धरती पर जहाँ-जहाँ गिरे, वे स्थान 'शक्तिपीठ' कहलाए।
Where are 51 Shakti Peethas Located

51 शक्तिपीठों की सूची, Shaktipeeth List in Hindi, 51 Shaktipeeth Name and Place. Sanatan Sankalp

🚩 51 शक्तिपीठों की संपूर्ण सूची (नाम, स्थान और अंग)🚩

क्र.सं. शक्तिपीठ का नाम स्थान / राज्य गिरा हुआ अंग
1कामाख्यागुवाहाटी, असमयोनि
2कालीघाटकोलकाता, प. बंगालदाएं पैर का अंगूठा
3ज्वालामुखीकांगड़ा, हिमाचलजीभ
4अमरनाथपहलगाम, कश्मीरगला
5विशालाक्षीवाराणसी, उ.प्र.कान के कुंडल
6नैना देवीबिलासपुर, हिमाचलनेत्र
7हिंगलाजपाकिस्तानसिर
8मुक्तिनाथनेपालमस्तक
9सुगंधाबांग्लादेशनाक
10गुह्येश्वरीनेपालघुटने
11अट्टहासप. बंगालहोंठ
12बहुलप. बंगालबायां हाथ
13वक्त्रेश्वरप. बंगालमन
14नलहटीप. बंगालपेट की नली
15किरीटप. बंगालमुकुट
16नंदीपुरप. बंगालहार
17कपालिनीप. बंगालबायीं एड़ी
18तारापीठप. बंगालनेत्र गोलक
19महिषमर्दिनीप. बंगालभ्रूमध्य
20त्रिपुरा सुंदरीत्रिपुरादायां पैर
21जयंतीबांग्लादेशबायीं जंघा
22श्रीशैल (महाकाली)बांग्लादेशगला
23भवानीबांग्लादेशदायीं भुजा
24यशौरबांग्लादेशहाथ और पैर
25श्रीहट्टाबांग्लादेशगर्दन
26शुचि (नारायणी)तमिलनाडुऊपरी दाँत
27पद्माक्षी (कांची)तमिलनाडुकंकाल
28विमलाओडिशानाभि
29तारा तारिणीओडिशास्तन
30सुनेत्रहरियाणाटखना
31मणिवेदिकाराजस्थानकलाई
32विराट (अंबिका)राजस्थानपैर की उंगलियां
33दंतेश्वरीछत्तीसगढ़दांत
34चामुंडेश्वरीकर्नाटकबाल
35जोगुलंबातेलंगानाऊपरी दांत
36भ्रमराम्बाआंध्र प्रदेशगर्दन
37कोटेश्वरीआंध्र प्रदेशगाल
38भ्रमाणीउत्तराखंडनिचले दांत
39उज्जैनीमध्य प्रदेशकोहनी
40हरसिद्धिमध्य प्रदेशकोहनी
41शोण (नर्मदा)मध्य प्रदेशनितंब
42शारदा (मैहर)मध्य प्रदेशहार
43अंबिकागुजरातपेट
44चन्द्रभागागुजरातआमाशय
45भ्रामरीमहाराष्ट्रठोड़ी
46महालक्ष्मीमहाराष्ट्रत्रिनेत्र
47ललिता (प्रयाग)उत्तर प्रदेशउंगलियां
48विंध्यवासिनीउत्तर प्रदेशबायां पैर
49शारदा पीठPOKदायां हाथ
50इन्द्राक्षीश्रीलंकापायल
51मानसतिब्बतदायां हाथ

❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: सबसे मुख्य शक्तिपीठ कौन सा है?

उत्तर: वैसे तो सभी 51 शक्तिपीठों का अपना महत्व है, लेकिन असम का कामाख्या शक्तिपीठ सबसे मुख्य माना जाता है। इसे 'महापीठ' भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ माता सती की योनि गिरी थी और यहाँ देवी की पूजा रजस्वला रूप में की जाती है।

प्रश्न 2: भारत से बाहर कितने शक्तिपीठ हैं?

उत्तर: 51 शक्तिपीठों में से 9 शक्तिपीठ भारत की वर्तमान भौगोलिक सीमा से बाहर हैं। इनमें नेपाल (3), बांग्लादेश (5), पाकिस्तान (1 - हिंगलाज), श्रीलंका (1 - इन्द्राक्षी), और तिब्बत (1 - मानसरोवर) शामिल हैं।

प्रश्न 3: शक्तिपीठों के दर्शन का क्या लाभ है?

उत्तर: शक्तिपीठ केवल तीर्थ नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा के केंद्र हैं। Sanatan Sankalp के अनुसार, इन स्थानों पर श्रद्धापूर्वक दर्शन करने से साधक के सभी पापों का नाश होता है और आध्यात्मिक ऊर्जा जागृत होती है।

धन्यवाद! सनातन धर्म की ऐसी ही दिव्य जानकारियों के लिए Sanatan Sankalp से जुड़े रहें।

🚩 जय माता दी 🚩

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